ज्ञान - सागर --
दोपहरी (कविता )
जेठ मास की दोपहरी और उसकी प्रचंडता का उल्लेख।
सृष्टि के सभी प्राणियों और वस्तुओं पर गर्मी के प्रभाव का वर्णन।
एक ग्रामीण की व्यथा का उल्लेख।
आज की सामाजिक व्यवस्था पर व्यंग्य।
गतिविधि कार्य --
अन्य प्राकृतिक ऋतुओं पर काव्य - संकलन और कक्षा में वाचन।
अभ्यास सागर में पाठ दोपहरी करवाया गया।
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